Wednesday, November 28, 2007

धातु पौष्टिक चूर्ण

धातु पौष्टिक चूर्ण
वीर्य पुष्ट करने व शरीर की कमजोरी दूर करने हेतु यह एक ऐसा नुस्खा है, जिसे किसी भी ऋतु में लिया जा सकता है, यानी शीतकाल का होना जरूरी नहीं।कुछ नुस्खे ऐसे होते हैं, जो शीतकाल में ही सेवन किए जा सकते हैं, परंतु इस नुस्खे में यह शर्त लागू नहीं होती।नुस्खा : गोखरू का महीन पिसा चूर्ण 3 ग्राम, कतीरा गोंद पिसा हुआ 3 ग्राम और शुद्ध घी दो चम्मच, यह एक खुराक है। घी में दोनों पिसे द्रव्य मिलाकर आग पर रख कर थोड़ा पका लें और चाटकर ऊपर से एक गिलास मीठा गर्म दूध पी लें।यह प्रयोग एक बार सुबह व एक बार रात को भोजन के दो घंटे बाद करना चाहिए। इसे लेने के बाद फिर कुछ भी न लें। यह प्रयोग कम-से-कम दो महीने तक करें। ज्यादा तले, खटाई वाले व मिर्च-मसालेदार पदार्थ न खाएँ।

2 comments:

Anonymous said...

"Chayavan Prash" bhi ek achha Upaay hai !
Kahaa jaata hai ke Rishi Chayavan jab Badi Umar ke ho gaye thay, tab ek Raj-Kanya se unka Vivaah hona fix huya. Apni khoyi huyi jawaani ko paane ke liye unhone "Chayavan Prash" ka nirmaan kiya.
Bazar mein available "Chayavan Prash" ke saare Brand iss maamle mein fit nahi kahe jaa saktay.
Faayda tab hai - jab koi isse Ghar mein hi taiyaar kare.
"Chayavan Prash" mein Aamla hota hai jo bahut faaydemand hota hai !

seemarani said...

right but chayavan pras is not suitable for sugar paitence.